फिसलते मुट्ठी भर वक्त रोक न सका। फिसलते मुट्ठी भर वक्त रोक न सका।
तुम लापरवाह हो यही सोच सोच कर मैं हर पल करता रहा परवाह तुम्हारी, तुम लापरवाह हो यही सोच सोच कर मैं हर पल करता रहा परवाह तुम्हारी,
इंसान के रूप में मैंने जन्म लिया, ये उस खुदा की रहमत है, पर मेरी कोई बहन नहीं ये मेरी इंसान के रूप में मैंने जन्म लिया, ये उस खुदा की रहमत है, पर मेरी कोई बहन नहीं...
आँसुओ की कीमत उनसे पूछो जो हर गम को छुपा बैठे हैं, तन्हाइयो में बातें करके वहीं प आँसुओ की कीमत उनसे पूछो जो हर गम को छुपा बैठे हैं, तन्हाइयो में बातें ...
अपने बच्चे को , रुपए की कीमत बतायें। अपने बच्चे को , रुपए की कीमत बतायें।
भागते हैं.....? दिन-रात दो वक्त की, रोटी कमाने के लिए। भागते हैं.....? दिन-रात दो वक्त की, रोटी कमाने के लिए।